भारत में क्रिप्टो करेंसी लीगल है या नहीं, यह सवाल बहुत दिनों से गूंज रहा है। क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी लीगल होगा अगर “हां” तो कब होगा अगर “नहीं” तो क्यों नहीं है लीगल। आगे इन सारे सवालों का जवाब जानते हैं।
जब से निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी पर 30% की टैक्स लागू हॉएन की बात कही है तब से बहुत सारे लोगों का मानना है कि अब क्रिप्टो करेंसी भारत में लीगल होगा। उन लोगों का लॉजिक यह है कि क्योंकि भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी पर 30% का टैक्स ले रहा है। तो चलिए जानते हैं क्या भारत में बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी लीगल है?
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क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी लीगल है?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से क्रिप्टो करेंसी की वैधता के बारे में सवाल उठाया है। इसके उत्तर में भारत के फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी भारत में लीगल नहीं है और आने वाले दिन भी यह लीगल नहीं होगा। और यह भी कहा कि NFT भी भारत में कभी लीगल नहीं होगा।
उनके साथ साथ फाइनेंस सेक्रेट्री टीवी सोमनाथन ने भी कंफर्म कर दिया है कि इंडिया में क्रिप्टो करेंसी और एनएफटी लीगल नहीं है और आने वाले दिन भी यह कभी लीगल नहीं होगा।
तो सवाल उठता है भारत सरकार इस पर क्यों 30% का टैक्स लगा रहा है? आपको बता दें कि भारत में जिस किसी भी चीज पर टैक्स लगता है वह कहीं ना कहीं से लीगल ही होता है लेकिन बिटकॉइन क्यों लीगल नहीं है।
क्यूँ भारत में क्रिप्टो करेंसी लीगल नहीं है?
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी का नेचर गैंबलिंग से पूरा मिलता है इसीलिए क्रिप्टो करेंसी भारत में कभी लीगल नहीं होने वाला है। भारत में गैंबलिंग मतलब सट्टा, कसीनो, लॉटरी और अन्य चीजें जोकि खेल कर कमाया जाता है।
क्या आप जानते हैं जितने भी TV Show गेम खेल कर पैसा कमाने के ऊपर आधारित है वह सब भी गैम्ब्लिंग पर ही जाता है। आपने अमिताभ बच्चन के KBC के बारे में तो जानते होंगे वह भी गैम्ब्लिंग के तहत जाता है। इसीलिए इन सब पर 30% का टैक्स लगता है।
इल्लीगल कामों पर क्रिप्टो का इस्तेमाल
सभी चीजों का दो पहलू होता है एक अच्छा और बुरा। हम किसी भी चीज के ऊपर दावा नहीं कर सकते यह अच्छा है।
भारत सरकार का यह भी मानना है कि अगर किसी भी प्रकार से क्रिप्टो करेंसी को लीगल टेंडर के तहत लिया जाएगा तो हद से ज्यादा क्रिमिनल एक्टिविटी बढ़ने की संभावना है अगर ऐसा होता है तो हम कुछ भी नहीं कर सकेंगे क्रिमिनल को।
हम जिस चीज को देख सकते हैं छू सकते हैं या फिर ट्रैक किया जा सकता है उसको हम कंट्रोल भी कर सकते हैं। लेकिन क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी करेंसी है जिसको हम ना ट्रैक कर सकते हैं ना कंट्रोल कर सकते हैं। क्यूँकी यह एक ओपन सोर्स नेटवर्क है।
इसीलिए इल्लीगल कामों मैं इस्तेमाल करने के लिए क्रिप्टो करेंसी बहुत आसान है। एक आंकड़े के मुताबिक ग्लोबली लगभग 25 से 30 परसेंट तक क्रिप्टो करेंसी को इल्लीगल कामों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह आंकड़ा आगे बढ़ भी सकता है।
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
बजट मीटिंग पर निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि “डिजिटल करेंसी नहीं ऐसेट पर लगेगा टैक्स”। तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण जी का मानना है कि क्रिप्टो करेंसी यानी बिटकॉइन और एथेरियम जैसी सभी क्रिप्टो वर्चुअल एसेट हैं। मतलब बिटकॉइन एक करेंसी नहीं है यह एक वर्चुअल ऐसेट है। ऐसेट का मतलब होता है मूल्यवान संपत्ति यानी कोई भी चीज जो मूल्यवान है उसको रखा है तो वह ऐसेट है।
वर्चुअल डिजिटल ऐसेट क्या है?
Virtual Digital Assets (VADs) आखिर क्या है? जो भी मूल्यवान संपत्ति ब्लॉकचेन के जरिए लेनदेन किया जाता है वह सब वर्चुअल डिजिटल ऐप साइट है जैसे कि Non-Fungible Tokens (NFTs), Cryptocurrencies ओर अन्य वर्चुअल चीज़े।
2022 के फाइनेंस बिल में वर्चुअल डिजिटल ऐसेट को लेकर 1961 की धारा 2 के तहत नए पेश किए गए खंड (47 A) में Virtual Digital Assets (VADs) को लेकर एक नया नियम जोड़ा गया है।
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा की जो करेंसी सिर्फ भारत में बना है वही करेंसी हो सकता है अन्यथा अन्य कोई भी चीज जो खुद को करेंसी कहलाता है वह करेंसी नहीं है। उसी चीज को भारत सरकार द्वारा ऐसेट रूप में ही माना जाएगा।
यानी जो भी करेंसी Reserve Bank of India के द्वारा Issues किया जाएगा सिर्फ वही करेंसी भारत का करेंसी होगा इसके सिवा अन्य विदेशी करेंसी को यहां पर मान्यता नहीं दिया जाएगा।
आने वाले साल तक भारत सरकार की अपनी खुद की क्रिप्टो करेंसी होगा और यहां बिल्कुल लीगल होने वाला है। क्योंकि इस डिजिटल करेंसी को Reserve Bank of India के द्वारा बनाया जाएगा और रेगुलेट भी किया जाएगा।
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