भारत सरकार लगातार क्रिप्टो को लेकर समय-समय पर कुछ ना कुछ अपडेट करता आ रहा है। क्रिप्टो करेंसी पर एक तरह से भारत सरकार की कड़ी नजर है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने वर्तमान Crypto TDS लागू होने की अनाउन्स कर चुके है।
निर्मला सीतारमण ने कुछ महीनों पहले क्रिप्टो पर 30% टैक्स भरने की बात कही थी और क्रिप्टो पर टैक्स 1 अप्रैल से शुरू भी हो चुका है। जिसकी वजह से भारत के बहुत सारे क्रिप्टो निवेशक को लॉस देखने को मिला क्योंकि 30% टैक्स बहुत ज्यादा होता है।
आप सोचिए ₹100 की कमाई पर आप सरकार को ₹30 टेक्स्ट के तहत देंगे। देखा जाए तो यहां क्रिप्टो करेंसी के निवेश पर एक तरह से दबाव बनाने जैसा है।
1 जुलाई 2022 से, भारत सरकार ने वर्चुअल डिजिटल असेट्स (VDAs) की बिक्री या फिर ट्रांजैक्शन पर 1% TDS चार्ज कर रहा है, क्रिप्टो करेंसी भी एक वर्चुअल डिजिटल ऐसैट्स होने के कारण इस पर भी 1% Crypto TDS लग रहा है। चलिए जानते हैं Crypto TDS क्या होता है? भारत में क्रिप्टो पर टीडीएस कैसे लगेगा और किनको Crypto TDS नहीं देना पड़ेगा।
क्रिप्टो स्कैम से कैसे बचे ओर अपना क्रिप्टो Investment को सुरक्षित रखें।
Crypto TDS क्या होता है?
सबसे पहले आप जान ले TDS का फुल फॉर्म Tax Deducted at Source होता है। जब आप वर्चुअल डिजिटल ऐसेट का ट्रांजैक्शन करते हैं तो सरकार तुरंत TDS चार्ज ले लेता है। मतलब आप जैसे ही क्रिप्टो ट्रांजैक्शन करते हैं उसमें से सरकार 1% TDS तुरंत काट लेता है।
सरकार TDS चार्ज करने का कारण है सरकार के पास आपके सभी क्रिप्टो ट्रांजैक्शन के एक रिकॉर्ड रखना। जैसा कि आप जानते हैं क्रिप्टो पर किसी भी सरकार का कंट्रोल नहीं होता है लेकिन TDS के जरिए सरकार आपके सभी ट्रांजैक्शन का एक रिकॉर्ड रख सकता है। इसे आप एक AdvanceTax System भी कह सकते हैं।
क्रिप्टो टीडीएस काम कैसे करता है?
क्रिप्टो करेंसी पर निवेश करने के लिए आप कोई ना कोई क्रिप्टो एक्सचेंज का इस्तेमाल जरूर करते हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए रुपए को क्रिप्टो करेंसी से एक्सचेंज किया जाता है। यानी इस प्रोसेस में भारतीय बैंक और क्रिप्टो एक्सचेंज आपस में जुड़े होते हैं। इसीलिए एक्सचेंज पर Deposit ओर Withdraw दोनों का पता चलता है।
जब आप किसी क्रिप्टो कॉइन को Sell करेंगे तभी TDS चार्ज अप्लाई होगा और उस समय आपका क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी Sell ट्रांजैक्शन पर 1% TDS काट लेगा। बाद में TDS को सरकार के पास एक्सचेंज कंपनी चुका देगा। ध्यान रहे कि TDS सिर्फ क्रिप्टो Sell पर ही लगता है, क्रिप्टो Buy करने पर ने नहीं लगता है।
जिस क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनी आपसे TDS चार्ज करेगा वह आपके email पर Transaction note या फिर Tax Invoice भेजेगा, जहाँ पर सभी प्रकार के charges डीटेल होगा। ओर वह डॉक्यूमेंट ही आपका TDS चार्ज प्रूफ होगा।
किन पर Crypto TDS नहीं लगेगा?
अगर आपकी साल भर की वर्चुअल डिजिटल ऐसेट यानि VDAs के ट्रैन्सैक्शन 10,000 रुपए से कम होगा तो इस केस में आपको TDS चार्ज नहीं भरना पड़ेगा। लेकिन जब आपका एक साल की ट्रैन्सैक्शन 10,000 रुपए से अधक होता है तो आपको 1% TDS भरना पड़ेगा।
अगर आप के मन में सवाल उठ रहा है की, Virtual Digital Assets पर 30% Tax ओर 1% TDS में क्या अंतर है? जानले की 30% Tax आप VDAs की Sell प्रॉफ़िट पर देंगे ओर TDS के जरिए सरकार के पास आपकी ट्रैन्सैक्शन का एक रिकार्ड बन पता है।
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